हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , लखनऊ /इमामे जुमआ लखनऊ मौलाना कल्बे जवाद नक़्वी
ने अपने एक बयान में कहा कि वसीम मलऊन एक जमाने तक अहले सुन्नत वल जमात और उनके मुकद्दसात के खिलाफ उल्टा सीधा बयान देता रहा, जिससे शिया और सुन्नी में मतभेद हो सके। खुदा का शुक्र है कि दोनों फिरको के लोगों ने इसकी गंदी साजिश को समझ लिया, और सब्र से काम लिया अब सभी जानते हैं कि वे उपनिवेशवाद के प्रतिनिधि हैं।
मौलाना ने आगे कहा कि वक्फ इमामे ज़माना अलैहिस्सलाम की मिल्कियत है, सबको इसके बुरे कामों के खिलाफ आवाज़ उठाना चाहिए
यही स्थिति दिल्ली में पैदा की गई और उन्होंने कर्बला शाहे की जमीन पर वक्फ माफियाओं के द्वारा जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की गई, और आज भी माफियाओं की कोशिश जारी है उस पर कब्जा करने की,
मौलाना ने कहा कि वसीम मलउन अपने नफ्स का गुलाम हैवह न शिया हैं और न ही सुन्नी औपनिवेशिक संगठनों द्वारा शिया और सुन्नी तथा हिंदू और मुसलमान के बीच अराजकता फैलाने के लिए नियुक्त किया जाता है। मगर खुदा का शुक्र है कि वह नाकाम हो चुका है अपने मकसद में मौलाना ने कहा,वक्फ माफियाओं का साथ देने वाला इमामे ज़माना अलैहिस्सलाम का दुश्मन है,जिन से मुकाबला ज़रूरी है ।
मौलाना सैय्यद कल्बे जवाद नक़्वी ने गुरु नानक जयंती के अवसर पर, भारत के सभी निवासियों को, विशेष रूप से सिख धर्म में विश्वास करने वालों को बधाई दी। मौलाना ने कहा कि मीडिया से यह मालूम हुआ कि गुड़गांव के सिख भाइयों ने मुसलमान से कहां है, कि इन के गुरुद्वारे नमाज़ के लिए खुले हैं,यह एक बढ़िया कदम है। वह अपने में प्रेम को बढ़ाएगा और एकता पैदा करेगा। इस तरह मुसलमानों को भी प्रेम और मोहब्बत के मामले में आगे आने की ज़रूरत है।